ग़ज़ल
मेरे ऊपर जरा अहसान कर दो ।
सवालों को ज़रा आसान कर दो ।
तुम्हारी याद में जो मर रही है,
"हमारी जान को जान कर दो ।"
अगर चाहो जरा ये काम कर दो,
गरीबों के खतम *अहज़ान कर दो ।
बड़ी मुद्दत हुयी देखा नहीं है,
कभी पूरे मेरे अरमान कर दो ।
जरूरत देश को है अब तुम्हारी,
इसी पे ज़िन्दगी कुर्बान कर दो ।
*अहज़ान= दुःख
अवधेश सक्सेना-29042020
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