मुक्तक
1
एक से बढ़कर हुए जब लाख बस दो माह में ।
अर्थ इसका जान लो तुम और उतरो थाह में ।
इस गणित से आगे कितने लाख होंगे देखना,
अब यहाँ कोविड दिखेगा देश की हर राह में ।
2
बात डरने की नहीं कुछ बस जरा बचते रहो ।
आत्म निर्भर तुम बनो अब काम सब करते रहो ।
अश्वगंधा रोज खाना जो दवा इस रोग की,
शक्ति अंदर की बढ़ाओ तेज तुम चलते रहो ।
3
वायरस को हम हराकर विश्व को दिखलाएंगे ।
देश अपना है निराला चीन को बतलाएंगे ।
अंत में होंगे सफल बस कुछ दिनों की बात है,
हम सफलता के तरीके विश्व को सिखलाएँगे ।
अवधेश-22052020
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