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सुनो हमारी राम
राम तुम्हारे देश में, बंद हुए सब काम ।
हाथ कटे मजदूर के, जीना हुआ हराम ।
वोट जुगाड़न में लगे, नेता अब चहुँ ओर ।
राशन बांट गरीब को, खूब मचाते शोर ।
शादी अब कैसे करें, वर कन्या से दूर ।
परमीशन मिलती नहीं, वो तो हैं मजबूर ।
क्या होगा अब देश का, खाली है सब कोष ।
वेतन के लाले पड़े, जनता में है रोष ।
आना जाना बंद है, मुर्दे तक लाचार ।
अस्थि विसर्जन के लिए, कर रहीं इंतजार ।
कोविड से भी ये बड़ी, ताला बंदी मार ।
धंधे सब चौपट हुए, मिले नहीं उपचार ।
घर में कब तक यूँ रहें, तन मन हुए खराब ।
हम से तो हैं वो भले, जो पी रहे शराब ।
मंदिर मस्जिद बंद हैं, मदिरालय गुलजार ।
कैसे ये निर्देश हैं, सोचो तो सरकार ।
सद्बुद्धि प्रभु मिले इन्हें, भले करें ये काम ।
हाथ जोड़ विनती करें, सुनो हमारी राम ।
अवधेश-07052020
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