माँ
माँ आज फिर तुम्हारी हम याद कर रहे हैं ।
हर बात सोच कर जल से आंख भर रहे हैं ।
हम पेट में रहे जब नौ माह तक तुम्हारे ।
कश्ती चल रही हो मांझी के जस सहारे ।
अब दर्द को तुम्हारे महसूस कर रहे हैं ।
घुटनों चले कभी हम तुतला के बोलते थे ।
कृष्णा बने कभी हम माखन भी चोरते थे ।
मुस्कान माँ यशोदा की याद कर रहे हैं ।
गिरते सम्हलते तब चलना हमें सिखाया ।
माँ शारदा बनीं हमको बोलना सिखाया ।
लोरी वही पुरानी हम याद कर रहे हैं ।
स्कूल भेज कर या घर पर हमें पढ़ाया ।
अच्छा हमें हमेशा ही रास्ता दिखाया ।
अँगुली पकड़ चले थे वो याद कर रहे हैं ।
बीमार जब हुए तो सिरहाने बैठती थीं ।
जब मानते नहीं हम तो खूब रूठती थीं ।
वो रूठना मनाना हम याद कर रहे हैं ।
पापा हमें कभी जब गुस्से में डांटते थे ।
माँ बीच में पड़ीं तो फिर प्यार बांटते थे ।
वो प्यार माँ पिता का हम याद कर रहे हैं ।
माँ आज फ़िर तुम्हारी हम याद कर रहे हैं ।
जब भी किसी परीक्षा में पास हम हुए थे ।
हर बार माँ तुम्हारे गम और कम हुए थे ।
वो गर्व से उठा सिर हम याद कर रहे हैं ।
पहली कमाई जब माँ के हाथ में रखी थी ।
वो भाव क्या कहें जो माँ को मिली खुशी थी ।
परसाद फ़िर चढ़ाना हम याद कर रहे हैं ।
शादी हुई हमारी माँ को खुशी मिली थी ।
बच्चे हुए हमारे माँ फूल सी खिली थी ।
बच्चे भी आज दादी को याद कर रहे हैं ।
मुश्किल घड़ी हमेशा आसान तुमने की थीं ।
गलती बड़ी बड़ी भी माँ माफ तुमने की थीं ।
तप साधना तुम्हारी हम याद कर रहे हैं ।
तुम राम की पुजारिन प्रभु धाम में रहोगी ।
हर जन्म में हमें तुम माँ रूप में मिलोगी ।
भगवान से यही हम फरियाद कर रहे हैं ।
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