ग़ज़ल
वक़्त ये भी हमारा निकल जाएगा ।
देख ज़र की चमक वो फिसल जाएगा ।
पेट का राज भी वो उगल जाएगा ।
आईना साफ करके जरा देखना,
चेहरा जिंदगी का बदल जाएगा ।
झूठ में ही सही पर सराहो कभी,
दिल हमारा इसी से बहल जाएगा ।
तुम हसीनों की महफ़िल में मत ले चलो,
दिल किसी पर हमारा मचल जाएगा ।
देखना तुम नहीं जंग की तसवीरें,
देख कर दिल तुम्हारा दहल जाएगा ।
मत सुना दास्तां मुश्किलों की हमें,
मोम सा दिल हमारा पिघल जाएगा ।
आ गयीं जो मुसीबत चली जाएंगीं,
वक़्त ये भी हमारा निकल जाएगा ।
अवधेश-14042020
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