अहीर मात्रिक छंद
ऐसा तू कर काम, छूटें यहाँ निशान ।
अपना तू कर नाम, हो देश पर कुर्बान ।
बोलना जय किसान, बोलना जय जवान ।
सब हैं एक समान, मेरा देश महान ।
और न हो नुकसान, सुन लेना भगवान ।
सबके बनें मकान, सबकी चले दुकान ।
विकसित हो विज्ञान, साफ हो आसमान ।
होंठो पर मुस्कान, पूरे हों अरमान ।
अवधेश-16042020
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