Featured Post

परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Saturday, May 30, 2020

प्यार की यही कहानी- रोला छंद

रोला छंद 
गीतिका- प्यार की यही कहानी
1
पिया मिलन की आस, लगी है प्यास निराली ।
मुझको है विश्वास, रहेगी दुआ न खाली ।
2
मावस की है रात, मगर बिंदी चमकेगी ।
यहाँ गिरे बरसात, वहाँ बिजली कड़केगी ।
3
उनसे होगी बात, बड़ा आनंद मिलेगा ।
उजड़ा है जो बाग, उसी में पुष्प खिलेगा ।
4
रहकर उनके पास, उन्हें देखती रहूंगी ।
वही तो मेरे खास, उनकी सेवा करूँगी ।
5
बड़े दिनों के बाद, बदन की अगन बुझेगी ।
नदिया बहती आज, सागर में जा रुकेगी  ।
6
मिले मुझे सरताज़, मिलन ये याद रहेगा ।
क्षितिज करेगा राज, धरा से गगन मिलेगा ।
7
मन की है आवाज़, मिलेगी मुझे निशानी ।
बज रहे है साज़, प्यार की यही कहानी ।
8
खुशियाँ हों आबाद, मिलन के गीत बुनेंगीं ।
सखियाँ मेरे साथ, मधुर संगीत सुनेंगीं ।

अवधेश-30042020

No comments:

Post a Comment