छप्पय छंद में डॉक्टर की महिमा
1
डॉक्टर की महिमा, तुमको मैं सुनाता हूँ ।
गॉड इन्हें मानते, कारण मैं बताता हूँ ।
अपना शीश इनके, चरणों में झुकाता हूँ ।
इनकी ही बजह से, ख़ुशियाँ मैं मनाता हूँ ।
रोगी की सेवा करें, खुद की परवाह न करें ।
परिवार का त्याग करें, हमारा उपचार करें ।
2
बड़ी कठिन परीक्षा, पास करनी पड़ती है ।
जवानी की प्रेक्षा, किताबों पर रहती है ।
इनकी जिंदगानी, मुश्किल से गुजरती है ।
ताकत आसमानी, इनका भाग्य गढ़ती है ।
रोगी की जांच करते, हँस कर ये बात करते ।
रोग का निदान करते, सही से इलाज़ करते ।
3
होली या दिवाली, छुट्टी नहीं मनाते हैं ।
रात हो या काली, इनको जब बुलाते हैं ।
जल्दी नींद भगा के, जल्दी से ये आते हैं ।
अपने गम भुला के, रोगी को हँसाते हैं ।
बीमारी या दुर्घटना, इनके पास पहुंचना ।
जन्म मरण की घटना, जरूरी इनका रहना ।
4
सफाई कर्मी को, सब जन नमन करते हैं ।
स्वास्थ्य के रक्षक को, हम सब नमन करते हैं ।
डॉक्टर और नर्स को, शत शत नमन करते हैं ।
असली भगवान को, झुक कर नमन करते हैं ।
डॉक्टर्स के सम्मान में, कभी कमी न आएगी ।
इनकी ही प्रशंसा में, दुनिया गाने गाएगी ।
अवधेश-22042020
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