ग़ज़ल
करिश्मे हमें वो दिखाता बहुत है ।
करिश्मे हमें वो दिखाता बहुत है ।
इनायत वो अपनी लुटाता बहुत है ।
मिले हार या जिंदगी जीत जाए,
ख़ुदा खेल सबको खिलाता बहुत है ।
शरारत करे शोख़ शैतान बच्चा,
बड़ा चुलबुला है हँसाता बहुत है ।
घरों में सभी के लगे आज ताले,
सड़क पर चले जो रुलाता बहुत है ।
ज़रा रूठ जाएं अगर हम कभी तो,
बड़े प्यार से वो मनाता बहुत है ।
हमें ख्वाब वो दिखाता मिलन के,
हक़ीक़त में तो वो सताता बहुत है ।
भुगतना पड़े अब नतीज़े बला के,
ख़ुदा सीख सबको सिखाता बहुत है ।
अवधेश-15042020
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