ग़ज़ल
मामला क्या है ।
पूछना था कि मामला क्या है ।
जानते ही न बोलना क्या है ।
तुम जिओ जिंदगी निडर हो कर,
रोज मरने से फ़ायदा क्या है ।
जो सज़ा पे सज़ा मिली मुझको,
तू बता तो मेरी ख़ता क्या है ।
तुम चले जा रहे जिन्हें पाने,
मंजिलों का पूछा पता क्या है ।
जीतने के लिए कभी जानो,
क्या सही और क़ायदा क्या है ।
चाँद चक्कर लगा रहा जिसके,
उस ज़मीं ने उसे कहा क्या है ।
मैं नहीं मानता ख़ुदा उसको,
और ना जानता सजा क्या है ।
अवधेश-06042020
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