ग़ज़ल
प्यार का तोहफा हो गया ।
ग़म हमारा दफ़ा हो गया ।
प्यार का तोहफ़ा हो गया ।
आपका हुस्न भर देख कर,
दिल मेरा आपका हो गया ।
सच ज़रा ही कहा जब उसे,
मुझ से वो फिर ख़फ़ा हो गया ।
ख्वाब ज्यादा हसीं हो गए,
इश्क़ में ये नफ़ा हो गया ।
बात उलफ़त की जिसने की थी,
वो सनम बेवफा हो गया ।
रूह को हम समझ जो गए,
खूब ये फ़लसफ़ा हो गया ।
वायरस ने गज़ब कर दिया,
देश कितना सफ़ा हो गया ।
अवधेश-16042020
No comments:
Post a Comment