कहमुकरी
1जब देखो तब ही समझावे ।
मातृभक्ति का पाठ पढ़ावे ।
बनके रहता सदा फटीचर ।
क्या सखि साजन ?
ना सखि टीचर ।
2गावे नाचे और नचावे ।
बड़ा मधुर संगीत सुनावे ।
मिटे कभी न उसकी तृष्णा ।
क्या सखि साजन ?
ना सखि कृष्णा ।
3गुस्सा उसका सहा न जाता ।
नशा बगैर वो रह न पाता ।
गुस्से में वो लगे भयंकर ।
क्या सखि साजन ?
ना सखि शंकर ।
4आँखें जैसे खिला कमल है ।
मन उसका बिल्कुल निर्मल है ।
मर्यादा में करे वो काम ।
क्या सखि साजन ?
नहीं सखि राम ।
5बाहर वो निकलने न देता ।
बार बार देता वो चेता ।
याद दिलाता वो अनुशासन ।
क्या सखि साजन
ना सखि शासन ।
अवधेश-02052020
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