मौसम सुहाना याद है ।
उस प्यार की बरसात का, मौसम सुहाना याद है ।
उनसे मिले बिछड़े कभी, किस्सा पुराना याद है ।
वादे किए थे वो सभी, तोड़े हमें दुख भी दिया, उनका हमें यूँ खून के, आंसू रुलाना याद है ।
बागों बहारों में कभी, मिल कर हमारा घूमना,
सावन महीने में उसे, झूला झुलाना याद है ।
दीदार जो उनका हुआ, बेचैन फिर हम हो गए,
उनका हमारी रात की, नींदें चुराना याद है ।
भूली न जाती बात वो, भूली न जाती रात वो,
उनका हमें वो बोलना, गोदी सुलाना याद है ।
#अवधेश #awadhesh
04032020
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