मेरी मौलिक विधा #प्रियामृतावधेश #priyamritawadhesh में एक कविता #फूल
फूल
मुलायम
शूल कठोर
शूलों से घिरा
हंसता मुस्कुराता
खिलता खिलखिलाता
तितलियों को रस देता
मन मोहक खुश्बू फैलाता
वर माला में पिरोया जाकर
वर से वधु का मधुर मिलन कराता
चरणों में कभी सिर पर चढ़ जाता
देव पूजा की थाली में आकर
जीत पर किसी गले में हो
स्वागत का माध्यम बने
शहीदों की समाधि
या शवों पर चढ़
धन्य मानता
आभार
फूल
#अवधेश #awadhesh
27022020
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