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परिचय

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Wednesday, June 17, 2020

नफ़रत के रंग

नफ़रत के रंग में डूब चुके लोग अपनों से भी नफ़रत करने लगते हैं ।
नफ़रत फैला कर हित साधन करने वालों ने पढ़े लिखे लोगों का भी ब्रेन वाश कर दिया है और इन साफ दिमागों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, नियंत्रणकर्ता जिस विचार को इन साफ दिमागों में डालता है ये उसी विचार को फैलाने लगते हैं । इन्हें पता ही नहीं रहता कि ये किसी अन्य नियंत्रकर्ता के नियंत्रण में नफ़रत भरी बातें फैलाने में लगे हैं ।
एक ही बात एक साथ जब कई स्रोत से आपके पास आए तो समझ जाओ कि इसे फैलाने वाले केवल शरीर हैं जो किसी अन्य दिमाग के लिए काम कर रहे हैं ।
ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसे लोगों की बुद्धि वापिस इन्हें मिले, अन्य किसी नियंत्रणकर्ता के नियंत्रण से मुक्त होकर सही गलत का अंतर समझने लगें, देश प्रेम, मानव प्रेम की परिभाषा को समझें, नफ़रत में डूबे रहने से इनका ही नुकसान होता है, इस बात को समझें और नफ़रत के स्थान पर प्रेम की बात करें । 
भागवत कथा में दत्तात्रेय भगवान के 24 गुरुओं वाली कथा से समझें कि जिन्हें दूसरे बुरा बताते हैं उनमें भी अच्छाई देखी जा सकती है और उनसे भी शिक्षा ली जा सकती है ।

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