शालिनी छंद
मैं तुम्हें प्यार दूँगी ।
हे गोपाला, नंदलाला कहाँ हो ।
हे गोविंदा, हे मुरारी कहाँ हो ।
मेरी आँखें, ढूँढती मोहना को ।
आ भी जाओ,देख लो सोहना को ।
मेरे प्यारे, माँ यशोदा दुलारे ।
गोरी राधा, आज कान्हा पुकारे ।
जो मेरा है, कृष्ण पे वार दूँगी ।
वंशी वाले, मैं तुम्हें प्यार दूँगी ।
अवधेश सक्सेना-14062020
शिवपुरी मध्य प्रदेश
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