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आल्हा /वीर छंद
मात शारदा वीणा वाली, रखना हम पे अपना हाथ ।
बुद्धि वाणी ज्ञान की देवी, कंठ कलम के रहना साथ ।
अंदर आकर चीनी सेना, कब्जा रही बड़ा भूभाग ।
झटका दिया देश ने ऐसा, साफ न होंगे उसके दाग़ ।
हुआ बुलंद स्वदेशी नारा, बिके नहीं अब चीनी माल ।
भूल करेगा वासठ जैसी, नहीं चलेगी उसकी चाल ।
वीरों का है ऊँचा माथा, खड़े हुए हैं सीना तान ।
रहे देश की रक्षित सीमा,रहे हमारी ऊंची शान ।
रक्त बहाते गोली खाते, करें देश पे सब कुछ दान ।
अगर पुकारे भारत माता, दे दें इस पर अपनी जान ।
शेरों जैसी ताकत वाले, युद्ध भूमि में रहे दहाड़ ।
दुश्मन जो भी लड़ने आता, देते पल में उसे पछाड़ ।
एक इंच भी आगे आया, उसको देंगे सबक सिखाए ।
एक वीर मारेगा सौ सौ, देंगे उसको मार भगाए ।
अवधेश 16062020
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