मेरी मौलिक विधा प्रियामृतावधेश-सम priyamritawadhesh-sam में 9 लाइन मात्राएं 2,4,6,8,10,12,14,16,18 और 9 लाइन 18,16,14,12,10,8,6,4,2
मैं
सबको
बतलाता
सेवा कर लो
प्रेक्षा ध्यान करो
मन को कर लो वश में
करना जो भी कर्म उनको
रख देना ईश्वर के पद में
तारा ध्रुव जैसी तुम भक्ति करना
सब छोड़ो लोगों से क्यों डरना
बलशाली बनकर दिखलाना
केसर वाला दुग्ध पीना
अंग प्रत्यंग पुष्ट बनाना
दबना कमजोरी
रहना तनकर
प्रभु रहते
भुव पर
हैं ।
(प्रियामृतावधेश-सम विधा की इस कविता में मानव जीवन का मंत्र छुपा है, इसे ढूंढें और अपनाएँ आपने ढूंढ लिया हो तो कमेंट में लिखें )
अवधेश awadhesh
28022020
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