Featured Post

परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Friday, May 28, 2021

ग़ज़ल अंधेरी स्याह रातों में

 #ग़ज़ल #अवधेश_की_ग़ज़ल 


अँधेरी स्याह रातों में, तड़ित जब कौंध जाती है ।

जिसे हम भूलना चाहें, उसी की याद आती है ।


गुजारी जो घड़ी मिलकर, धरोहर अब हमारी वो,

हमारी साँस को नियमित, घड़ी वो ही चलाती है ।


उसे मालूम है जो हैं, हमारी खूबियाँ सारी, 

लिखें जो गीत उस पर हम, उन्हें वो गुनगुनाती है ।


अगर हम पर पड़ी मुश्किल, तभी थोड़ी ज़रूरत ही,

दिखा कर सच ज़माने का, हक़ीक़त से मिलाती है ।


हँसी जिसकी बड़ी दौलत, बिके हर बाप जिस खातिर,

विदा के वक्त बाबुल को, वही बेटी रुलाती है ।


थमा आकाश आशा से, कभी उम्मीद मत छोड़ो, 

सुनी थी बात बचपन में, बड़ी आशा जगाती है ।


किया 'अवधेश' ने रोशन, जला कर कुछ दिए घी के,

किसी की झोपड़ी देखो, महल सी जगमगाती है ।


इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 27052021

शिवपुरी, मध्य प्रदेश

No comments:

Post a Comment