#प्रियामृतावधेश
कल
क्या हो
जीवन में
इस चिंता में
आज खराब किया
आनंद प्रभु रूप है
निशुल्क ही तो गँवा दिया
व्यर्थ भरी बातों में क्या है
भविष्य की चिंताओं को छोड़ो ।
वर्तमान से नाता तुम जोड़ो ।
मन में परमानंद बसे हैं
देखो अपना मन मंदिर
प्रेम सुधा रस अंदर
सुख भरा भण्डार
खुशियाँ अपार
जिया करो
हर इक
पल
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 09042021
शिवपुरी, मध्य प्रदेश
No comments:
Post a Comment