#ग़ज़ल #अवधेश_की_ग़ज़ल
हमारा दिल जिसे भूला नहीं है ।
उसी का ख़्याल भी जाता नहीं है ।
रखे दिल में छुपा कर प्यार कितना,
जुवां पर वो कभी लाता नहीं है ।
ज़रा बच कर चलो संकरी गली में,
यहाँ माहौल कुछ अच्छा नहीं है ।
अगर टूटे कभी कोई खिलौना,
कभी तुमको मगर रोना नहीं है ।
पिए थे जाम आँखों से किसी की ,
नशा वो आज तक उतरा नहीं है ।
तमन्ना है अगर दिल में तेरे कुछ,
उसे तू क्यों कभी कहता नहीं है ।
दिलों को जीतना 'अवधेश' का फ़न,
कमाना और कुछ आता नहीं है ।
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 26032021
शिवपुरी, मध्य प्रदेश
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