#ग़ज़ल #अवधेश_की_ग़ज़ल
अगर गलती हुई मुझसे जो चाहो वो सजा देना ।
मगर पहले ज़रा मुझको मेरी गलती बता देना ।
किसी निर्दोष को यूँ ही सताना ठीक लगता क्या,
बिना गलती किसी को यूँ बुरी बातें सुना देना ।
मुझे मतलब नहीं तुमसे तुम्हें भी अब कहाँ मतलब,
जुदा राहें हमारी हैं अलग दुनिया बसा देना ।
ग़लतफ़हमी अगर है कुछ ज़रा सी बात तो कर लो,
हमारा पक्ष सुन कर तुम गिले शिक़वे मिटा देना ।
गलत कुछ कर नहीं सकते तुम्हारी शान में हम तो,
हुई गर भूल हमसे तो उसे अब तो भुला देना ।
दुखी क्यों कर रहे हमको बिगाड़ा क्या तुम्हारा है,
नहीं है ठीक ये बिल्कुल किसी को यूँ रुला देना ।
अगर 'अवधेश' के कारण भड़कती आग नफ़रत की,
छिड़क कर प्यार का पानी उसे अब तुम बुझा देना ।
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 11012021
शिवपुरी मध्य प्रदेश
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