#ग़ज़ल #अवधेश_की_ग़ज़ल
गर्म मौसम हुआ तो हवा कीजिए ।
फ़र्ज़ बनता अगर तो अदा कीजिए ।
चोट दिल पर लगे प्यार करते रहो,
दर्द हो भी अगर तो सहा कीजिए ।
माँगने गर कोई दर पे आए कभी,
पास में कुछ अगर तो अता कीजिए ।
झूठ पर झूठ ही बोल थकते नहीं,
बात सच्ची कभी तो कहा कीजिए ।
जोड़ लोगे बदी तो मिलेगी बदी,
नेकियाँ भी कभी तो जमा कीजिए ।
बेवफ़ा ही यहाँ सब मिलेंगे तुम्हें,
पर रहो बावफ़ा बस वफ़ा कीजिए ।
नाम 'अवधेश' का काम करके हुआ,
उनके नक़्शे क़दम पर चला कीजिए ।
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना-21032021
शिवपुरी, मध्य प्रदेश
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