#कुंडलियां #अवधेश_की_कुंडलियां
सुन लो भारत वासियो, लुटे गरीब किसान ।
मोटी चाँदी काटते, गिने चुने धनवान ।
गिने चुने धनवान, बने अब भाग्य विधाता ।
सत्ता इनके साथ, इन्हें सब कुछ मिल जाता ।
कहते कवि अवधेश, सही रस्ते तुम चुन लो ।
क्या कह रहा गरीब, ज़रा उसकी भी सुन लो ।
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 05122020
शिवपुरी, मध्य प्रदेश
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