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परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Friday, September 18, 2020

ग़ज़ल जब मिला धोखा मिला है अब मुहब्बत क्या करूँ

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#जब_मिला_धोखा_मिला_है_अब_मुहब्बत_क्या_करूँ 


जब मिला धोखा मिला है अब मुहब्बत क्या करूँ ।

गिर गई नीचे बहुत ही अब सियासत क्या करूँ ।


माँगना क्या अब ख़ुदा से क्या नहीं उसने दिया,

जब तुम्हें ही पा लिया है और चाहत क्या करूँ ।


काम सारे कर रहा मैं बस ख़ुदा के मानकर,

काम से फ़ुरसत नहीं है अब इबादत क्या करूँ ।


ये कलम हथियार बनकर लिख रही है खून से,

हिल गई सत्ता किसी की अब बग़ावत क्या करूँ ।


मज़हबी बातें सुनीं पर सोच मेरी ये बनी,

खून उनका लाल ही है उनसे नफ़रत क्या करूँ ।


जब अदालत ही नहीं अब कर रहीं इंसाफ है,

अब मुवक्किल की तरफ से मैं वक़ालत क्या करूँ ।


कर रहे हैं नाच नंगा वो नज़र के सामने,

खुल गई सब पोल जिनकी उनकी इज़्ज़त क्या करूँ ।


इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 18092020

शिवपुरी मध्य प्रदेश

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