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घर बनाना हो कहीं पर, शोध या विज्ञान है ।
हो मशीनों की जरूरत, या उड़ाना यान है ।
हर कठिन परिकल्पना को, पूर्ण करते हैं सदा,
ज़िन्दगी इंजीनियर से, बन रही आसान है ।
ये गणित के सूत्र जानें, भौतिकी के सार को ।
ये रसायन की क्रिया से, जानते संसार को ।
खोज करके शोध करके, ये बनाते नव नगर,
कर रहे कितना सरल ये, दूर के संचार को ।
आप भी उपयोग करते, वस्तु जो आराम की ।
वो किसी इंजीनियर ने, ही बनाई काम की ।
श्रम लगा तकनीक डाली, तब छुआ है आसमाँ,
ये बढ़ाते हैं प्रतिष्ठा, देश भारत नाम की ।
चाँद मंगल पर पहुँचना, देश का अरमान है ।
युद्ध में हथियार हैं तो, साहसी कप्तान है ।
कृषि कृषक उन्नत करें जब, उपकरण उन्नत मिलें,
इसलिए इंजीनियर का, हर जगह सम्मान है ।
आज संरचना बनीं हैं, बाँध पुल सड़कें भवन ।
अर्थ या फिर वित्त ज्ञानी, कर रहे पूरे सपन ।
मीडिया या फ़िल्म वाले, चाहते तकनीक नव,
सर झुका इंजीनियर को आज करते सब नमन ।
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 15092020
(इंजीनियर्स डे)
शिवपुरी मध्य प्रदेश
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