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परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Tuesday, September 1, 2020

ग़ज़ल #दोस्ती करके दगा की

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#दोस्ती_करके_दगा_की_कुछ_जरूरत_के_लिए 


दोस्ती करके दगा की कुछ ज़रूरत के लिए ।

अब सजा उसको मिलेगी नीच हरकत के लिए ।


देश की ख़ातिर जिन्होंने जान भी कुर्बान की,

सर झुका है उन शहीदों की शहादत के लिए ।


दूसरों के काम में हम इस कदर मशगूल हैं,

वक्त बचता ही नहीं है अब अदावत के लिए ।


रो रहे शिशु को हँसाना या गरीबों की मदद,

ये तरीका ही सही है अब इबादत के लिए ।


जीत लोगे इस जहाँ को नफ़रतों के दौर में,

कुछ जगह दिल में रखो तुम गर मुहब्बत के लिए ।


सर झुका कर तुम ख़ुदा से माँग लो जो चाहिए,

शुक्रिया करते रहो उसकी इनायत के लिए ।


मुश्किलों से है कमाई आज ऊँची शान है,

दाँव पर सब कुछ लगा दो अपनी इज्ज़त के लिए ।


अवधेश कुमार सक्सेना-02092020

शिवपुरी मध्य प्रदेश

 

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