हिंदी_दिवस
#हिंदी #राष्ट्र_भाषा
बारह खड़ी बच्चे पढ़ें, हिंदी लिखें बोलें सभी ।
हिंदी प्रचारित हम करें, बन्धन अभी खोलें सभी ।
इसको प्रसारित भी करें, इस देश के हर गाँव में,
हम शब्द जो बोलें सभी, शीतल करें वो छाँव में ।
हो यांत्रिकी विज्ञान या, शिक्षा चिकित्सा ज्ञान की ।
हिंदी बने माध्यम यहां, है बात ये सम्मान की ।
परिपत्र या आदेश हों, संगीत या फिर गीत हों ।
जब मातृ भाषा में बनें, लगते हमें मनमीत हों ।
है राजभाषा देश की, हिंदी हमारी जान है ।
माँ संस्कृत से जन्म ले, समृद्ध इसकी शान है ।
कब राष्ट्र भाषा ये बने, हम देखते सपना यही।
अब विश्व भाषा ये बने, हो प्रयत्न बस अपना यही ।
अवधेश सक्सेना- 14092020
शिवपुरी म. प्र.
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