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परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Thursday, September 24, 2020

ग़ज़ल आस के डदीप पास जलते हैं

 #ग़ज़ल #अवधेश_की_ग़ज़ल #अवधेश_की_शायरी #हिंदुस्तानी_ग़ज़ल

#आस_के_दीप_पास_जलते_हैं ।


आस के दीप पास जलते हैं ।

दूर गम के चिराग बुझते हैं ।


फोन देता नहीं ज़रा फ़ुर्सत,

अब कहाँ हम किताब पढ़ते हैं । 


तुम करो बैंक में जमा खुशियाँ,

हम भी गम बेमिसाल रखते हैं ।


झोंक देते तमाम ताकत हम,

तब कहीं ये इनाम मिलते हैं ।


रात भर नींद क्यों नहीं आती,

ख़्वाब अच्छे बुरे मचलते हैं ।


काम करते ख़राब वो अक्सर,

इसलिए ही सवाल उठते हैं ।


कुछ भी हासिल हमें नहीं होता,

आजमाईश खूब करते हैं ।


बेवफा याद जब हमें आते,

आब-ए-चश्म तब निकलते हैं ।


कर्ज़ का बोझ चढ़ गया सर पर,

इससे दबकर किसान मरते हैं ।


इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 24092020

शिवपुरी मध्य प्रदेश

 

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