#गीत #अवधेश_की_कविता
#रखूँ_कदमों_में_सर_उनके_यही _अरमान_है_मेरा ।
मिले शिक्षक बड़े ज्ञाता बढ़ाया ज्ञान है मेरा ।
मिली शिक्षा मुझे ऐसी हुआ सम्मान है मेरा ।
कभी भूला नहीं उनको बदौलत आज मैं उनकी ।
अगर चाहें कभी वो तो बनूँ आवाज मैं उनकी ।
रखूँ कदमों में सर उनके यही अरमान है मेरा ।
चिकित्सक नर्स वैज्ञानिक बना कोई यहॉं यंत्री ।
दुकनदारी करे कोई बने कोई यहॉं मंत्री ।
सभी पर छाप शिक्षक की सही अनुमान है मेरा ।
सिखाने को लगा देते सभी कुछ दाँव पर अपना ।
मिटा खुद को करें पूरा मगर हर शिष्य का सपना ।
बने माली यहाँ शिक्षक फला बागान है मेरा ।
अगर सीखा किसी से कुछ सदा गुरु हम उसे मानें ।
बढाना ज्ञान चाहें जब सदा बन शिष्य सब जानें ।
नमन करते हुए गाएं यही जो गान है मेरा ।
अवधेश कुमार सक्सेना - 05092020
( शिक्षक दिवस )
शिवपुरी मध्य प्रदेश
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