ग़ज़ल
तुम्ही से प्यार करना है ।
मुझे तो आज ये इज़हार करना है ।
तुम्हें चाहा तुम्हीं से प्यार करना है ।
निभाएंगे मुहब्बत हम क़यामत तक,
तुम्हारे सामने इक़रार करना है ।
सुलझते गुफ़्तगू से हैं सभी मुद्दे,
यही करना नहीं तकरार करना है ।
खिलाने फूल ख़ुशबू के चलो यारो,
बहारों से चमन गुलज़ार करना है ।
वतन के नौजवानों को जगाने अब,
हमें पैनी क़लम की धार करना है ।
चाहते हो अगर मंज़िल मिले पहले,
तुम्हें भी तेज फ़िर रफ़्तार करना है ।
अँधेरा भाग जाएगा भरोसा रख,
क़मर को नूर की बौछार करना है ।
बढ़ेगी खूब रौनक़ उनके आने से,
बुलाने को उन्हें इसरार करना है ।
भगाने दुश्मनों को मारकर बाहर,
हमें हथियार हर तैयार करना है ।
अवधेश सक्सेना-07072020
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