#मनमोहन छंद
(विधान- 14 मात्राओं के चार चरण
8, 6 पर यति
अंत में नगण अनिवार्य
दो दो चरण या चारों चरण तुकांत ।)
1
पल पल में पग, रहे पलट ।
समस्या नहीं, रही सुलट ।
मन में होती, कसक-मसक ।
जाती उनकी, नहीं ठसक ।
2
चमके सोना, मिले तपन ।
सुगंध बिखरे, चले पवन ।
मिलकर भड़के, पवन अगन ।
सावन आया, जले वदन ।
3
आहुति डालो, करो हवन ।
सत्य सदा ही, करो कथन ।
मीठे बोलो, सदा वचन ।
कर लो अच्छे, यहाँ जतन ।
4
फूल खिले हैं, चमन-चमन ।
जग में आगे, रहे वतन ।
हर तरफा हो, चैन अमन ।
नहीं किसी का, करो दमन ।
5
वीरों को हम, करें नमन ।
गाएँ सब मिल, जन गण मन ।
कभी नहीं हो, अधोगमन ।
पीड़ाओं का, करो शमन ।
अवधेश सक्सेना-20072020
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