Featured Post

परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Friday, July 3, 2020

प्रियामृतावधेश

मेरी मौलिक विधा #प्रियामृतावधेश में एक कविता 

विधान- पंक्तियों में 
बढ़ते क्रम में मात्राएं 
2,4,6,8,10,12,14,16,18
घटते क्रम में मात्राएं 
18,16,14,12,10,8,6,4,2
18 मात्राओं वाली पंक्तियां सम तुकांत
शुरू और आखिरी की 2 मात्राओं वाली पंक्तियां सम तुकांत ।
मन के किसी भाव के आते ही उसे लिखने के लिए ये अच्छी विधा है । 
इस विधा में अभ्यास करें, अच्छा लगेगा ।

#प्रियामृतावधेश 
#मंज़िल_पाना_है ।

कल
जो था
आज नहीं
अभी जो पास 
कल रहेगा नहीं 
दुख जाता सुख आता
सुख भी कहाँ ठहर पाता
जीवन सुख दुख का पहिया है
कठिन राह पर  बढ़ते   जाना   है ।
हमें   आख़िरी   मंज़िल  पाना  है ।
समय बदलता जगह बदलती
सुई घड़ी की बस चलती 
समय नहीं रुकता है
हमसे कहता है
संग-संग चल 
गँवा नहीं 
कोई
पल

अवधेश सक्सेना- 03072020
शिवपुरी मध्य प्रदेश

No comments:

Post a Comment