#अवधेश_कुमार_सक्सेना द्वारा सृजित
#शिवचरण_छंद #मात्रिक_छंद
कुल आठ चरण
विषम चरण की मात्राएँ कुल मात्राएँ 24, सभी विषम चरण सम तुकांत
21 221 2221 22221, (अनिवार्य वाचिक भार)
सम चरण की मात्राएँ कुल मात्राएँ 24,
12 122 1222 12222 ।(अनिवार्य वाचिक भार)
सभी सम चरण सम तुकांत ।
विषम और सम चरणान्त पर यति ।
#शिवचरण_छंद
कवि लिखेगा स्वयं के ही ह्रदय की आवाज़,
नए-नए छंद से रचना सृजित तब होगी ।
गीत संगीत सुर से भी सजेंगे जब साज,
नई नई धुन बनेंगीं राग लय जब होगी ।
चाँद बढ़ता चला आकाश पर करने राज,
प्रकाश की हर किरण की चाँदनी अब होगी ।
जब सजेगा सही सिर पर सफलता का ताज,
खुशी मिलेगी हमें पर रात वो कब होगी ।
इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 14102020
शिवपुरी मध्य प्रदेश
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