Featured Post

परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Thursday, October 22, 2020

अपनी बात

 अपनी बात


बचपन से ही कविताएँ / ग़ज़लें पढ़ने का शौक लग गया था, शहर में होने वाले कवि सम्मेलनों और मुशायरों को सुनना बहुत अच्छा लगता था, लगभग 12 वर्ष की उम्र से बाल कविताएँ लिखना शुरू कीं जो बाल पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुईं और उनका पारिश्रमिक भी मिला । युवावस्था में समाचार पत्रों में विभिन्न विषयों पर आलेख प्रकाशित हुए, चित्रांजलि और अभियंता विश्व पत्रिकाओं के प्रधान संपादक का दायित्व निभाया । इंजीनियरिंग सेवा में आने के कारण साहित्य सृजन के लिए समय की कमी होने से अपनी कविताओं और ग़ज़लों को संकलित रूप में प्रकाशित कराना संभव नहीं हो पा रहा था लेकिन अब समय मिला तो मेरा काव्य संग्रह "मैं ही तो हूँ ईश "अमेज़ॉन किंडल पर 2 अक्टूबर 2020 को  ई-बुक के रूप में प्रकाशित हो गया है और अब मेरा ये ग़ज़ल संग्रह "अकेले सफ़र में" प्रकाशित होकर आपके हाथ में है । आप इसमें पढ़ेंगे मेरी वो ग़ज़लें जो  प्रेम, करुणा, अध्यात्म, प्रेरणा, प्रकृति आदि विभिन्न विषयों पर बोलचाल वाली हिंदी-उर्दू में लिखीं गईं हैं ।

मुझे विश्वास है कि मेरी ग़ज़लें आपको पसंद आएँगीं ।

मेरा ये प्रथम ग़ज़ल संग्रह है जिसमें आपको कुछ त्रुटियां मिल सकतीं हैं, कृपया त्रुटियों से मुझे अवगत कराएंगे तो मैं इनमें सुधार कर सकूँगा । आपके अमूल्य सुझाव प्राप्त होने पर मुझे खुशी होगी और सुझावों के आधार पर मैं सुधार भी कर सकूँगा ।


साभार धन्यवाद,


आपका ही,


अवधेश कुमार सक्सेना

No comments:

Post a Comment