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परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Thursday, October 22, 2020

ग़ज़ल जल रहा था वो दिया

 #ग़ज़ल #अवधेश_की_ग़ज़ल #अवधेश_की_शायरी


#जल_रहा_था_वो_दिया 

मैं बना अच्छा सभी के साथ अच्छा ही किया ।

ज़ख्म दे डाले किसी ने कुछ ने ज़ख्मों को सिया ।


हम झुके आगे सभी के ख़ास इज़्ज़त बख़्शने,

किस कदर बेइज़्ज़ती का पर जहर हमने पिया ।


छोड़ कर हमको अचानक क्यों बना लीं दूरियाँ,

आप तो ऐसे नहीं थे आपने ये क्या किया ।


जिस किसी ने भी वतन के वास्ते जब जान दी,

मर नही सकता कभी भी वो रहे हरदम ज़िया ।


जब तलक मज़बूत थे हम इक जगह पर थे जमे,

पैर उखड़े जो हमारे अब नहीं मिलता ठिया ।


हम वफ़ा करते रहे पर आपने समझा ग़लत,

किस ख़ता का आपने फ़िर इस तरह बदला लिया ।


आँधियाँ चलती रहीं थीं बारिशें होती रहीं,

जो रखा मुंडेर पर था जल रहा था वो दिया ।


इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना

शिवपुरी मध्य प्रदेश 


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