प्रियामृतावधेश
पिरामिड को प्रियामृत भी कहते हैं, वास्तु विज्ञान कहता है कि प्रियामृत के अंदर जो भी वस्तु रखी जाती है, वो संरक्षित रहती है ।
किसी दृश्य या घटना को देखकर हमारे मन में कभी कभी विशेष विचार आते हैं, कुछ नई अनुभूति होती है,ऐसे विचार, ऐसी अनुभूति को अपने भावों में शब्दों के माध्यम से प्रकट कर दिया जाए तो अन्य लोगों तक इन विचारों और अनुभूतियों का सम्प्रेषण हो सकता है ।
इसी सम्प्रेषण को कविता रूप में लिखने के लिए #प्रियामृतावधेश ऐसी विधा है, जिसमें लिखे गए शब्दों के माध्यम से किसी विचार या अनुभूति को अमर किया जा सकता है ।
अंक शास्त्र में 9 के अंक का महत्व सभी जानते हैं ।
छंद शास्त्र में मात्राओं के संयोजन का महत्व है, जो एक विज्ञान है, आदिदेव महादेव और वेद शास्त्रों से लेकर आधुनिक काव्य शास्त्र तक कथ्य को रोचकता प्रदान करने के लिए छंद रचना की जाती रही है ।
इंजी.अवधेश कुमार सक्सेना-16102020
शिवपुरी,मध्य प्रदेश

काव्य सृजन के लिए ये नवीन विधा है ।
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