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परिचय

 नाम -इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना पिता का नाम- स्व.श्री मुरारी लाल सक्सेना शैक्षणिक योग्यता - DCE(Hons.),B.E.(Civil), MA ( Sociology), LL.B., ...

Monday, August 31, 2020


 #अवधेश_की_कविता

#हरि_गीतिका_छंद

#चित्राभिव्यक्ति

1

कच्चे घड़े उल्टे रखे हैं, ईंट की दीवार है ।

चुपचाप इकतारा पड़ा है, सोच में गुलनार है ।

नवयौवना बैठी अकेली, जो किसी के ख्याल में ।

श्रृंगार सोलह आज करके, क्या करे इस हाल में ।


2

भोंहें बनीं काजल नयन में, कान कुंडल झूलते ।

सपने सुहाने याद आते, क्यों नहीं वो भूलते ।

मोती जड़े चूढ़े पहन कर, हाथ दोनों क्या करें ।

लाली रसीले होंठ पर है, फूल पर कैसे झरें ।


3

माथे लटकता मांग टीका, केश सज्जा खास है ।

नव वस्त्र के ये रंग फबते, स्वच्छ ये आवास है ।

नवरत्न वाला हार पहना, कंठ में पर प्यास है ।

प्रीतम मिलेंगे शीघ्र उसको, कर रही वो आस है ।


अवधेश सक्सेना

शिवपुरी मध्य प्रदेश

31082020

Awadhesh Kumar Saxena


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